Articles

टेक्नोलॉजी इंडस्ट्रीज ना होती, अगर मुसलमान साइंटिस्ट न होते : मिस कार्लेटन फ्लोरीना

AP_carly_fiorina_jt_150503_12x5_1600एक मशहूर और मारूफ शख्सियत “मिस. कार्लेटन फ्लोरीना” जो के H.P. की सीईओ थी, और इस खातून ने एक स्पीच दी थी जो H.P की “औल वर्ल्डवाइड कंपनी मैनेजर्स की मीटिंग” थी ..

यह स्पीच उसने दी है २६ सितम्बर २००१ को यानी ११ सितम्बर २००१ को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का वाकिया हुआ जिस पर मुसलमानो पर इलज़ाम पर इंल्जाम लगाये जा रहे थे …

उनकी स्पीच इंग्लिश में थी हम उसका तर्जुमा यहाँ बताने की कोशिश करते है …

यह स्पीच बहुत हिम्मत बहुत जसारत की चीज़ है! जहाँ मुसलमान अपने आप को मुसलमान कहने से यहाँ शर्मा रहे थे जो वाकिया वहां हुआ!

ये खातून जो ईसाई है इसने “ट्विन टावर” के बलास्ट के २ हफ्ते बाद एक तक़रीर में दुनिया से ऐलान किया और कहा और उसने शुरुआत यू की……

तर्जुमा

एक ज़माना था एक क़ौम गुज़री है जो दुनिया में सबसे बेहतरीन क़ौम थी (अभी उसने नाम नहीं लिया), ये वो कौम थी जिसने एक ऐसी हुकूमत कायम की जो एक बर्रे आज़म से दूसरे बर्रे आज़म और एक पहाड़ी इलाक़े से दूसरे इलाक़े तक जंगलात और तमाम दीगर ज़मीनात इनके पास थी, इनके हुकूमत के अंदर हज़ारो और लाखो लोग रहते थे जो मुख्तलिफ मज़ाहिब के मानने वाले थे…

इसकी ज़ुबान दुनिया की आलमी जुबान बन गयी थी और बहुत से क़ौम के बीच में ताल्लुकात कायम करने की वजह बन गई थी इसकी ज़ुबान,..

इसके अंदर जो फौजे थी कई मुख्तलीफ़ मुमालिकात से थे और जो हिफाज़त इन्होने दी ऐसी हिफाज़त दुनिया में इस से पहले नहीं देखने को मिली कहीं और तिजारत साउथ अमेरिका से लेकर चीन तक और तमाम बीच के इलाक़ो तक फैली थी,

यह जो क़ौम थी जिस चीज़ से चलती थी वो इनके खयालात थे, इनके इन्क्शाफात थे, इनके इंजीनियर्स ने ऐसी इमारते बनाई जो ज़मीन के कशिश (कुव्वत) के खिलाफ थे यानी बड़ी बड़ी इमारतें तामीर करते थे,

इनके मैथमेटिक्स जो थे इन्होने अलजेब्रा और एल्गोरिथम जैसे सब्जेक्ट की बुनियाद डाली जो आगे चलकर कंप्यूटर के बनाने इनक्रीप्शन की टेक्नोलॉजी ईजाद हो सकी, इनके जो तबीब डॉक्टर्स थे जो इंसानी जिस्मो को जांचते और नए नए इलाज निकालते उन बीमारियो और कमज़ोरियों के,

इनके जो इल्म-ए-फाल्कियत रखने वाले लोग थे वो गौर करते ज़मीन और आसमान में और तारो को नाम देते और यही जरिया बनी आज के दौर के सैटेलाइट और दीगर स्पेस एक्सप्लोरेशन का,.. जो आज हम इन्क्शाफात कर रहे है उसकी वजह बनी,

इनके जो मुसन्निफ़ थे वो किताब लिखते थे कहानिया लिखते थे कहानिया जो जसारत, हिम्मत, ताक़त क़ुव्वत की मोहब्बत की, इनके जो शायर थे वो मोहब्बत के बारे में शायरियां लिखते!

यह वो ज़माना था जब दूसरे इसके कहने के लिए बहुत ज़्यादा ख़ौफ़ज़दा हुआ करते थे, जब दूसरे लोग नयी इन्काशाफ़त के बारे में सोचना भी उनके लिए खौफ था यह क़ौम तो सोच पे जिया करती थी, जब दुनिया इस चीज़ पर आ चुकी थी की पिछले क़ौम का इल्म मिटा दिया जाए इस क़ौम ने वो इल्म बाकी रखा और लोगों तक पहुँचाया,

बहुत सारी चीज़ जो आज की हम दुनिया में देख रहे है, इस्तेमाल कर रहे है, यह बहुत सारी चीज़ उस क़ौम की देन है जिसके बारे में मैं बात कर रही हूँ, वो “इस्लामिक वर्ल्ड” है, इस्लामी क़ौम है, मुसलमान है!!

जिसने आठवीं सदी से लेकर सोलवीं सदी तक दुनिया को मशाल-राह दिखाई और इसके अंदर उस्मानी खलीफा और और बग़दाद और शाम और क़ाहेरा, मिस्र की लाइब्रेरीज कुतुबखाने और अच्छे हुक़ुमराह जैसे की “सुलैमान दी मग्निफिसेंत” भी मौजूद थे,

बहुत सारी चीज़ जो हमको मिली है इस क़ौम से, हाला के हम जानते है, फिर भी हम इनके अहसानमंद नहीं है,

और आगे वो कहती है की-
“इनकी यह देन आज हमारी ज़िंदगी का हिस्सा है, और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्रीज आज वजूद में नहीं होती!

……………अगर मुसलमान साइंटिस्ट न होते”..

क्यूंकि उसका IT (इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी) से ताल्लुक़ था!

वो H.P की सीईओ थी उसने सिर्फ यह बताने के लिए की आज हम इस कंपनी के ज़रिये जिसका हम फायदा उठा रहे है यह किसी का अहसान है हम पर जिस क़ौम ने हमे दिया है, वो मुसलमान थे,…

तो अंदाज़ा लगाइये किस जसारत से उसने “ट्विन टॉवर के ब्लास्ट” के बाद मुसलमान का नाम लेना बुरी बात समझी जा रही थी उसी माहोल में अमेरिका में इस नोनमुस्लिम खातून ने स्पीच दी और कहा की यह क़ौम तो इंसानियत के फायदे के लिए आई थी ,..

– (“औल वर्ल्डवाइड कंपनी मैनेजर्स की मीटिंग H.P.” , २६ सितम्बर २००१)


Source: UmmateNabi

Courtesy :
www.ieroworld.net
www.taqwaislamicschool.com
Taqwa Islamic School
Islamic Educational & Research Organization (IERO)

March 22, 2016

Technology Industries Na Hoti, Agar Musalman Scientist Na Hote : Miss Carletan Floreena

टेक्नोलॉजी इंडस्ट्रीज ना होती, अगर मुसलमान साइंटिस्ट न होते : मिस कार्लेटन फ्लोरीना एक मशहूर और मारूफ शख्सियत “मिस. कार्लेटन फ्लोरीना” जो के H.P. की सीईओ […]
March 21, 2016

A Qur’anic approach to disease Prevention and Cure

A Qur’anic approach to disease Prevention and Cure This purpose of this article is to trace the concept of prevention, wiqayat, in the Qur’an. It explains […]
March 21, 2016

Munshi PremChand (Famous Writer) ka Islam ke Baare Mein Nazariya

मुंशी प्रेमचंद (प्रसिद्ध साहित्यकार) का इस्लाम के बारे में नजरिया जहाँ तक हम जानते हैं, किसी धर्म ने न्याय को इतनी महानता नहीं दी जितनी इस्लाम […]
March 21, 2016

Main Musalmaan Hoon – Mandala Mendela (Grandson of Nelson Mandela)

मैं मुस्लमान हु – मंदला मंडेला (नेल्सन मंडेला का पोता) दक्षिणी अफ़्रीका के आलमी सतह पे मशहूर लीडर और मुल्क के सदर रह चुके नेल्सन मंडेला […]
March 21, 2016

Zainab Saeed Se Hijab Ke Jawab Par Sabhi Dang

जैनब सईद से हिजाब के जवाब पर सभी दंग जैनब सईद से IAS परीक्षा में पूछा हिजाब पर सवाल .. जवाब सुन सभी दंग .. हुई […]
March 21, 2016

Dr. Nohera Seikh – Mahilaaon ke Liye Prerna

डॉ नोहेरा शेख – महिलाओ के लिए प्रेरणा हीरा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ की मालिक श्रीमती नोहेरा शेख ने मुस्लिम महिलाओ को एक प्रेरणा दी है न […]